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आश्विन नवरात्र परिशोधन व आध्यात्मिक का पर्व में आज 14 गर्भवती महिलाओं ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम गायत्री शक्तिपीठ नगरी में संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य गर्भ में पल रहे शिशु को संस्कारित करना था। इसमें गर्भवती महिलाओं को श्री मति गायत्री बोदेले दीदी जी द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी के तहत गर्भ का ज्ञान-विज्ञान, अचार- विचार, व्यवहार,दिनचर्या, गर्भस्थ शिशु का पोषण किस प्रकार से किया जाना चाहिए पर मार्गदर्शन दिया गया। तत्पश्चात गायत्री वेद मंत्रोच्चार के साथ यज्ञाहुति के औषधि अवध्राण कराया गया, जिसमें वट की जटा, गिलोय, पीपल की कौंपल से तैयार द्रव्य सुंघाया गया। इस कार्यक्रम में गायत्री परिवार के सदस्यों ने गर्भवती महिलाओं को उचित माहौल और साधन-सुविधा उपलब्ध करवाने का विश्वास दिलाया साथ ही अपने गृह परिवेश का वातावरण के बीच में शिशु का पोषण घर के सभी सदस्यों को भी श्रेष्ठ शिशु की अगवाई करना है । इस मौके पर मति रामकुंवर सार्वा, चंद्रकला कश्यप, करुणा धुव्र, रिकेश्वरी साहू , सुलोचना साहू, शशिकला बैरागी, पोषण पटेल, रमेश सार्वा, मदन सेन, रामकुमार समरथ,रतिराम ध्रुव, एवम मितानिन बहनें समेत गायत्री परिवार के परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।