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जनकपुर पहुंचने में लगे लगभग 5 घंटे रास्ते भर बटा गजामूंग का प्रसाद, भक्तिमय वातावरण में लगाये गए जयकारे
धमतरी-भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा तथा भाई बलभद्र की रथ यात्रा मठ मंदिर चौक जगदीश मंदिर से पूरी आस्था श्रद्धा भक्ति के साथ विशेष पूजा अर्चना करते हुए छप्पन भोग की महाप्रसादी के साथ दोपहर लगभग 3:00 बजे प्रारंभ हुई जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हुए शहर के इस धार्मिक उत्सव में अपनी सहभागिता प्रदान की रथ के आगे सुमधुर भजनों में लोग झूमने के लिए आतुर हो रहे थे तो वहीं पर बैंड बाजा में ओम जय जगदीश हरे श्री राम जी की निकली सवारी जैसे धुन ने भक्ति का शमा बांध रहा था रास्ते भर गजामूंग की प्रसादी को लेने के लिए लगभग 4 घंटे पश्चात जनकपुर राष्ट्रीय गौशाला में रथ पहुंची तो वहां एक अलौकिक भक्ति के वातावरण में भगवान को यथास्थान प्रतिष्ठित करके पूजा अर्चना प्रारंभ हुई गौरतलब है कि ननिहाल में भगवान के विराजमान पक्ष द्वादशी को उनकी वापसी अपने घर को होगी।