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जिला पंचायत सदस्य कविता योगेश बाबर ने अपने गुरू सुरजीत नवदीप सर से उनके ८९ वें जन्मदिवस के अवसर पर मुलाक़ात कर उन्हें बधाई दी एवं उनके स्वस्थ एवं दीर्घ आयु जीवन के लिए शुभकामना अर्पित की व उनसे आशीर्वाद लिया इस अवसर पर कविता योगेश बाबर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की प्रथम गुरू उसके माँ बाप होते हैं तत्पश्चात शाला जाने पर शिक्षक ही उनके गुरु होते हैं जो कि विद्यार्थी जो की कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं जिन्हें आकार व रंग देने का कार्य उनके शिक्षक रुपी गुरू करते हैं शिक्षक होने के साथ ही साथ सुरजीत सर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि भी हैं जिन्होंने अपनी कविता के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धमतरी का नाम रोशन किया है कविता ने कहा कि आज मैं जो इस मुक़ाम पर पहुँची हूँ उसमें मेरे गुरु का आशीर्वाद व मार्गदर्शन मेरे लिए बहुत मायने रखता है मैं उनके स्वस्थ व दीर्घ आयु जीवन की कामना करती हूँ