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ज्ञात हो कि आज दिनांक 21 नवंबर 2025 को छत्तीसगढ़ बिजली उपभोक्ता एसोशिएशन ( CGECA ),



धमतरी के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर बिजली हॉफ योजना पुनः लागू करते हुए 400 यूनिट तक लागू करने की मांग को लेकर नायब तहसीलदार विवेक चंद्राकर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें मांग रखा गया कि 1) बिजली हॉफ योजना पुनः लागू करते हुए 400 यूनिट तक लागू करो । 2) स्मार्ट मीटर के स्थान पर फिर से सामान्य मीटर लगाओ। 3) बिजली का निजीकरण की नीति रदद् करो । 4) जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगाना बंद करो ।

  CGECA धमतरी सदस्य गीता सारथी ने कहा कि बिजली एक आवश्यक जनोपयोगी सेवा है,न कि सुपर मुनाफा लूटने की वस्तु । बिजली की आवश्यक उपयोगिता है जिस तरह मनुष्य के लिए रोटी ,कपड़ा और मकान निहायत जरूरी है उसी तरह भी आधुनिक मानव सभ्यता के लिए बिजली बेहद जरूरी है। लोगों की आजीविका के मूलभूत अधिकार के रूप में माना जाना चाहिए न केि पूंजीपतियों के हित में मुनाफा की पहाड़ खड़ा करने वाली साधन । इसे निजी हाथों में सौंपना सरकार की एक जनविरोधी कदम है। आज पूरे देश की वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा बिजली संशोधन विधेयक 2022 ने हाफ बिजली बिल योजना की लाभ यूनिट दरो में संशोधन कर 400 घटाकर 100 यूनिट कर दिया है । जिसके कारण लोगो पर बिजली की कीमत बढ़ने से अतिरिक्त बोझ हो गया है बड़े मुश्किल से आम आदमी का गुजारा चल रहा है घर का राशन बच्चों की पढ़ाई इलाज में में लोगो का हालात खराब होते जा रहे है ऐसे में लोगों को राहत देने के बदले उनके लिये हॉफ योजना खत्म करने की दिशा में सरकार का कदम उठाना उनकी मुशीबत और बढ़ाना है । दूसरी ओर जब से स्मार्ट मीटर लगा है तब से बिजली बिल बहुत ज्यादा आ रहा है । लोग मीटर के अनाब सनाब बिल से त्रस्त होकर स्वयं सड़को पर उतर रहे है पूरा छत्तीसगढ़ बिजंली बिल की समस्या से परेशान हो गई है और सरकार के खिलाफ आक्रोशित भी है जिसका नज़ारा छत्तीसगढ़ के कई जगहों पर देखने को मिल रहा है ।

CGECA धमतरी सदस्य माधवी साहू ने कहा कि धमतरी में जिस परिवार का हर माह औसत बिल 700 तक आता था उसे 11000 का बिजली बिल दिया गया है , फिंगेश्वर में बिजली दफ्तरों में लोगों ने ताला जड़कर घंटे भर स्टॉफ को बंधक बन बनाकर रखा । बालोदाबाजार जिला में एक उपभोक्ता का हर माह अधिकतम 200 रूपये का बिल आता था परन्तु नई स्मार्ट मीटर से 200 से बढ़कर 22000 बिजली बिल आने से वह व्यक्ति गले स्मार्ट मीटर लटाकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचा। बिलासपुर में भी ऐसे मामला आया था जिसमें उपभोक्ता का 30 हजार बिल का समाधान बिजली विभाग में नहीं हुआ तो जनदर्शन में गुहार की अर्जी लगाई। किसान बिजली उपभोक्ताओ ने बिल में भारी बढ़ोत्तरी के विरुद्ध बिजली दफ्तरों का घेराव किए और धमतरी में प्रदर्शन किये। राज्य भर से आए दिन न्यूजपेपर में "विरोध प्रदर्शन" की खबर पढ़ने को मिल रहा है। 

CGECA धमतरी सदस्य जितेंद्र कुमार ने कहा कि हमारे संगठन द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में इस बिजली समस्या के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान आंदोलन प्रदर्शन किये जा रहे है और बेहताशा बिल से जनाक्रोश बढ़ा तब सरकार बिजली बिल हॉफ योजना को 200 यूनिट तक किया है यह हमारे आंदोलन व जनाक्रोश की आंशिक जीत है ।

देशभर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना पूंजीपतियों के मुनाफे और बिजली क्षेत्र में निजीकरण के लिए लागू की जा रही है इससे न केवल गरीबों के घर अंधेरे में डूबेंगे बल्कि बिजली अधिनियम 2020 की तहत डिजिटल बिलिंग होगी और मैनुअल बिल डिलीवरी बंद कर दी जाएगी जिससे आने वाले दिनों में हजारों बिजली कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा और दो लाख मीटर रीडर बेरोजगार ही जाएंगे। हमारा देश महंगाई और बेरोजगारी की मार पहले से झेल ही रहा है अतः ऐसे स्थिति में बिजली बिल हाफ योजना 200 यूनिट तक करना ,स्मार्ट मीटर योजना लागू करना निजीकरण करने की जनविरोधी योजना है व स्मार्ट मीटर द्वारा डिजिटल बिलिंग बेरोजगार विरोधी योजना है जिसका हम विरोध करते है ।

इस धरना प्रदर्शन में जितेंद्र कुमार, माधवी साहू, गीता सारथी, डारेंद्र कुमार, चंद्रभान चक्रधारी, सोमिन साहू, भाविका साहू, मनोज मार्कण्डेय, रितेश जैन, खिलेश्वर साहू सुशीला बाई, चिंटू देवांगन, कमल, विनय यादव, पंकज, लेमप्रकाश, रितेश जैन, बबली कुंभकार, नम्रता आदि शामिल रहे ।